Ganesh Ji Bhajan:
Vnita kasnia Punjab
प्रपूज्य गणेश जी स्वयंत्रू शिवजी और माता पार्वती के छोटे पुत्र हैं। इनका वाहन मूषक है। गणेश जी, गणों के स्वामी है और यही कारण है कि इन्हें गणपति भी कहा जाता है। इन्हें केतु का देवता माना गया है। हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी का नाम लिया जाता है। इसी के चलते इन्हें प्रथम पूज्य भी कहा जाता है। गणेशजी को सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन भी कहा जाता है। गणपति बप्पा बुद्धि दाता हैं। आज बुधवार हैं और आज के दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
गणेश जी की महिमा अपरंपार है। ये अपने भक्तों के हर दुख को दूर करते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि गणेश जी के कई नाम हैं लेकिन हर नाम के साथ आस्था और भक्ति की अपनी ही एक अलग कहानी है। माना जाता है कि ये आदिदेव हैं और हर युग में इन्होंने अवतार लिया है। इनकी पूजा करते समय व्यक्ति अगर गणेश जी का भजन किया जाए तो इसका फल दोगुना हो जाता है। गणेश जी का एक प्रसिद्ध भजन है घर में पधारो गजाननजी... आइए पढ़ते हैं इसकी पंक्तियां और आप इन्हें गणपति बप्पा की पूजा करते समय गा सकते हैं।
गणपति बप्पा का भजन:
घर में पधारो गजाननजी,
मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
राम जी आना,
लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
ब्रम्हा जी आना,
विष्णु जी आना
भोले शशंकर जी को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
लक्ष्मी जी आना,
गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
विघन को हारना,
मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
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