जो #खुद को #शेर समझ बैठे है वह इस #तस्वीर को जरा #गौर से देख ले
जब किसान अपनी पर आता है तो शेर को भी #कुत्ता बना कर #दौड़ा दौड़ा कर #मारता है _समझ जाओ और #सुधार जाओ वरना #अंजाम #बुरा होगा #इन्कलाब
किसान जब तक #खामोश है ठीक है
पर कोई #गधा किसान की #खामोशी को #कमजोरी समझने की भूल न करे
Vnita Kasnia Punjab
#भारतीय #किसान
#किसान_आंदोलन
सैनिक देश की रक्षा के लिए कार्य करते है ,उनको इस कार्य के लिए #सरकार #सैलरी देती है ,किसान का काम भी #सैनिकों की तरह महत्वपूर्ण है क्योंकि किसान तो दिन रात मेहनत करता है । आज 1 % किसान को छोड़ दें जिनके पास ज्यादा #जमीन है या नोकरी व साइड बिज़नेस करता है बाकी अधिकतर किसान गरीब है । अधिकतर किसान ऋण के मकड़जाल में फंसा हुआ है । सरकार ने किसानों की आय दुगना करने का वादा किया ,#स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात की थी परन्तु इन वादों से दूर ऐसे विधेयक ला रही है जो पूंजीपतियों के भला करने वाले है ,शायद सरकार अंतरराष्ट्रीय कानूनों से बंधी हुई मजबूर हो परन्तु किसान जिस दिन सड़को पर आया सरकार का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा । मोदी सरकार से किसानों ,व्यापारियों ,मजदूरों को तो ऐसी बिल्कुल ही ऐसी आशा नही थी । पंजाब सरकार और अकाली दल बादल ने किसानों के हक में कदम उठाकर अच्छा किया है क्योंकि आने वाली असंतोष की आंधी का आभास उनको शायद हो गया था । खट्टर सरकार से उम्मीद करना मूर्खता है क्योंकि यह सरकार किसानों का विश्वास खो चुकी है परन्तु किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले जे जे पी के लिए मौका है कि अकाली दल की तरह कोई किसान समर्थक कदम उठाकर किसानों की लड़ाई के लिए आवाज उठाये वरना bjp तो शायद फिर कभी उठ भी जाये दुष्यंत की इज्जत सदा सदा के लिए खत्म हो जाएगी क्योंकि दुष्यंत की छवि बहुत अच्छी थी जो #गठबंधन सरकार के किसान विरोधी कार्यो से लगभग #मिट्टी में मिल चुकी है अतः इनको ये अंतिम मौका है ,जरा सी भी राजनैतिक सोच हुई तो त्याग का परिचय देकर दुष्यंत हीरो बन सकता है वरना जीरो तो बना ही पड़ा है । सरकार द्वारा 3 ऐसे #कानून लागू करना जिनकी आहट से किसानों में अदभुत असन्तोष उभर रहा है , साथ मे व्यापारी वर्ग व मजदूरों असन्तोष इसको बहुत बड़ा कर देते है । अगर सरकार इन विधेयकों को #किसानों का भला करने वाला बता रही है तो उनको किसान व व्यापारी को पहले संतुष्ट करके चलना था ,आज भी सरकार किसानों के मन मे उपजे सवालों का तार्किक जवाब देने में विफल है जबकि विपक्ष के तर्क उचित जान पड़ते है । खट्टर सरकार की लोकप्रियता न्यूनतम है व इसका भविष्य धूमिल है परन्तु इन कदमो से लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी की साख व भविष्य को चोट पहुंच रही है । एक तरफ चीन का खतरा ,दूसरी तरफ covid19 ,तीसरी तरफ #अर्थव्यवस्था की गिरावट ऐसे आपात काल मे सरकार किसानों से पंगा लेकर अच्छा नही कर रही । देस की आज की विकट परिस्थितियों को जनता स्वीकार भी कर लेती क्योंकि यह देवीआपदावो जैसी परिस्थिति है जिसमे सरकार के साथ देश खड़ा था किंतु किसान जो देश के पेट भरता है ,रक्षा के लिए सैनिक भी किसान ही दे रहा है ,ऐसे लाचार गरीब असहाय किसान वर्ग से छल सरकार व देश के लिए अच्छा संकेत नही अतः सरकार को तुरंत किसानों की आशंकाओं को शांत करने के उचित कदम उठाने चाहिए । चाहे #विधेयकों में शँशोधन करे चाहे उनको वापिस लेकर । सरकार को हवा का रुख भांप लेना चाहिए ,क्या सरकार इस व्यापक असन्तोष से अनभिज्ञ है? क्या सरकार के पास खूफिया जानकारी नही है ? क्या सरकार अति आत्मविश्वास में है ? क्या सरकार किसानों की शक्ति से अनभिज्ञ है ? क्या सरकार को बीयूरोक्रेट्स चला रहे है ? हम जनता है हम चाहते है सरकार जवाब दे नही तो विरोधी शक्तियां इस परिस्थिति का फायदा उठाएगी व देश मे एक और संकट आ सकता है । सरकार को अपने वादे का पालन करते हुए किसानों के हित मे व्यापक कदम उठाने चाहिए ।
Vnita Choudhrey Punjab
Comments
Post a Comment